पत्रकारिता में घुसी राजनीति, पढ़े ये रोचक स्टोरी

 

भोपाल(संवादाता) मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार के गठन के बाद से माखनलाल पत्रकारिता विवि में खुलकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ हो रहे सेमिनार्स है. इसका असर अब विश्वविद्यालय के सत्रारंभ कार्यक्रम में भी देखने को मिला. आयोजन में मोदी विरोधियों को भाषण के लिए बुलाया गया. नए छात्रों को पत्रकारिता की चुनौतियों से निपटने के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को चुनौती के रूप में पेश किया गया. पूरे सत्र के दौरान मोदी को खलनायक के रूप में दिखाया गया.

The wire की पत्रकार अरफा खानम शेरवानी ने तो पूरे संबोधन में मोदी को ही मुद्दा बनाया और मोदी को पत्रकारिता के संकट के रूप में पेश किया. उन्होंने कहा कि आज मीडिया में 98 प्रतिशत लोग मोदी के गुलाम हैं.

उन्होंने कहा कि मोदी के कार्यकाल में लोकतंत्र को हाशिये पर ढकेल दिया गया है. गरीब, दलित और अल्पसंख्यकों को सताया जा रहा है. महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज मोदी मीडिया के लिए खतरा है.

अभिसार शर्मा ने छात्रों को योगी सरकार और तत्कालीन रमन सिंह की सरकार के खिलाफ वीडियो दिखाया. दिलीप मंडल ने फेक न्यूज़ का पूरा दोष मोदी सरकार पर लगा दिया.

इस आयोजन को लेकर भाजपा से जुड़े लोगों का कहना है कि एक एजेंडे के तहत विश्वविद्यालय के मंच का इस्तेमाल मोदी को बदनाम करने के लिए किया गया. विश्वविद्यालय के नए छात्रों को गुमराह कर केंद्र सरकार के प्रति नफ़रत फैलाने की साजिश रची गई जो विश्वविद्यालय, लोकतंत्र और भारतीय पत्रकारिता के लिए घातक है.

इस मामले पे चर्चा करने के लिए मैंने केंद्र सरकार मे NDA के  एक नेता को फ़ोन किया तो उन्होंने कहा कि ये सब विपक्षी पार्टियों द्वारा करवाया जा रहा है इससे आगये बढत्ते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग नक्सलवादी सोच को बढ़ावा देने में लगये है ऐसे लोग अपने निजी स्वार्थ और चैनल की TRP बढ़ने के लिए देश की अखंडता तक को ताक पे रखने से गुरेज नहीं कर रहे ये बहुत ही दुर्भायपूर्ण

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