पत्रकार की मुश्किल राहे, नामुमकिन सी मंजिल, पूरा पढियेगा जरूर

दोस्तों आज की हमारी ये स्टोरी जरूर पढ़ना, क्यों की इस स्टोरी को पढ़ने के बाद आपको ये बात अछि तरह से समझ आ जायेगी की पत्रकारिता करना कितना मुश्किल होता जा रहा है, साथ ही पत्रकारिता  के सभी पहलु पूरी तरह से आपके  सामने आईने की तरह साफ़ भी हो जायेंगे

बड़े मीडिया घरानो का सच- दोस्तों देश की ज्यादा तर जनता बस कुछ बड़े अखबारों और टीवी चैनलों को ही मीडिया मानती है, पर ज्यादा तर बड़े मीडिया संस्थान सिर्फ राजनितिक पार्टियों के लिए काम करते है यकीन मानिये इन बड़े मीडिया संस्थानों को जनता की किसी समस्या या पत्रकार साथियो के  किसी भी मुसीबत से कोई लेना देना नहीं है ये आज  से नहीं चल  रहा अगर आप  देश की आज़ादी से लेके  अभी तक के पूरे हिंदुस्तानी मीडिया के इतिहास पे नजर डालेंगे तो साफ़ दिख जायेगा की देश की जनता को जब कभी भी किसी भी मुसीबत का सामना करना पड़ा है हर  बार छोटे समाचार पत्रों ने जनता की आवाज़ को बुलंद किया है आज के समय में कुछ इंटरनेट मीडिया ने छोटे अखबारों के साथ साथ जनता के हक़ की रक्षा करने का दम दिखाया है पर बड़े दुखकी बात  है की आज इंटरनेट मीडिया(वेब मीडिया) को बंद करवाने की पूरे देश में कोशिस की जा रही है मैं पंजाब की जिस शहर से हु वहां तो कुछ ब्लैकमेलर तक वेब मीडिया पे हाबी होने की लगातार कोशिस कर रहे है इसके इलावा पूरे पंजाब में पुलिस ने खुले आम मीडिया के दमन दुस्साहस किया हुआ है, बड़े मीडिया संस्थान सिर्फ वही दिखते या छापते जिससे उनको पैसा मिले या उनकी पसंदीदा राजनैतिक पार्टी को लाभ हो या उनके पसंद के नेता जी को कुछ फ़ायदा हो, ये बड़े संस्थान जनता  के सामने वही बातें रखते है जिसमे मसाला हो, इनके ज्यादा तर कंटेंट में सचाई कोसो दूर होती है

वेब मीडिया की सच्चाई- जब से वेब मीडिया चलन में आया है इसने मीडिया जगत को पूरी तरह से उलट पुलट कर दिया है ये गरीब को मीडिया मालिक होने का एहसास दिलाता है पर इसने बड़े मीडिया संस्थानो के व्यापार को चौपट करके रख दिया है क्यों की जो समाचार अखबार में अगले दिन मिलेगा उसे वेब मीडिया से जुड़े पत्रकार खबर के कुछ ही मिंटो में पाठको के मोबाइल तक पंहुचा देते है जिससे खबर में अगले  दिन पाठक की कोई रुचि नहीं रह जाती, जब  से वेब मीडिया चलन में आया है तब से किसी भी छोटी बड़ी खबर को दबा पाना बेहद मुश्किल हो गया है क्यों की इतने वेब चैनल्स चलन में है की जुर्म करके खबर दबाने की कोश्शि करने वाले के लिए सभी वेब चैनेलो को खबर छापने से रोकना बेहद मुश्किल साबित हो रहा है, पर कहते है की किसी चीज़ का अगर फ़ायदा होता है तो उसका नुक्सान भी होता है ये बात वेब मीडिया के लिए भी सटीक बैठती है, बहुत बार सुनने में आया है की वेब मीडिया के आने से वो लोग भी पत्रकार बन बैठे है जिनको पत्रकारिता के बारे में कुछ पता तक  नहीं है जिससे फेक न्यूज़ का जाल बन गया है इसके इलावा बहुत बार ये सुनने  में  आता है की जब से वेब मीडिया का जन्म हुआ  है तब  से ब्लैकमेलिंग के मामलो में भी बढ़ौती हुई है, कोई कुछ भी कहे पर वेब मीडिया ने जनता की आवाज़ सरकार और दुनिया तक पहुंचाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है लिहाजा वेब मीडिया को आज कोई भी दर किनार नहीं कर सकता, कुछ विसेसज्ञ तो यहां तक कहते है की आज मीडिया का कोई सबसे बड़ा सरूप है तो वो वेब मीडिया ही है

पुलिस और प्रशाशन मीडिया को आज भी दबाने में लगे है- मैं अपनी इस बात को एक उधारण के जरिये आपके सामने रख रहा हु ये उधारण एक इतना बड़ा मामला है की पूरी दुनिया को झकझोड़ के रखदेगा, पंजाब  के जीरकपुर के रहने वाले एक पत्रकार जिनका नाम श्री मदन शर्मा है जो  आज इन्साफ  न मिलने की वजह से  सयुंक्त राष्ट्र  का दरवाज खटखटाने की तैयारी कर रहे है वैसे तो पिछले लम्बे समय से मैं श्री मदन शर्मा से फ़ोन पर बात करता आया हु पर जब से श्री मदन शर्मा ने मुझे बताया है की वो जल्दी ही देश को छोड़ देना चाहते है तब से मामला बहुत ज्यादा गरमा गया, श्री मदन ने मुझे बताया की साल 2017 से में उन्होंने एक खबर छापी थी जिसको लेके जीरकपुर पुलिस ने उन्हें पहले झूठे मामले में गिरफ्तार किया, फिर उन्हें 3rd डीग्री टॉर्चर किया गया इसके बाद लगभग 27 दिन तक जेल में रहना पड़ा बतौर मदन शर्मा ये सब हुआ बिना किसी कसूर के, जेल से आने  के बाद श्री  मदन शर्मा ने इन्साफ के लिए एक लम्बा संघर्ष शुरू  किया जो आज  तक जारी है श्री मदन शर्मा का कहना है की उन्होंने देश में ऐसा कोई नेता नहीं जिससे पत्र न लिखा हो, श्री मदन देश के राष्ट्रपति तक गुहार लगा चुके है पर आज तक उनकी कही कोई सुनवाई नहीं हुई है मदन शर्मा का कहना है की जब सालों कोशिस करने के बाद उन्हें इन्साफ नहीं मिला तो उन्होंने देश के राष्ट्रपति से एक बेहद ख़तरनाक मांग राखी की उन्हें इच्छा मृत्यु की इज्जाजत दी जाये, पर अफ़सोस इस  बार भी  पूरे दश में किसी  के कान पे  जु तक नहीं रेंगी तो अब मदन शर्मा ने सयुक्त राष्ट्र से मांग रखने का मन बनाया है की उन्हें हिंदुस्तान में  अब इन्साफ की कोई उम्मीद नहीं है लिहाजा उन्हें किसी और देश में शरण दिलवाई जाये, जरा सोचिये दोस्तों एक पत्रकार के साथ पुलिस इतना सब कर सकती है तो आम जनता के क्या हालात हो सकते है, दोस्तों किसी को इतना परेशान करना की वो देश  छोड़ देना  चाहे ये कितना बड़ा और संगीन मामला है इसका जरा अंदाज़ा लगाइये,


इस मामले पे जैसे ही कुछ अपडेट होगा इस मामले को एक स्टैंड अलोन स्टोरी भी लिखूंगा, फिलहाल बस इतना ही

 

शुभ रात्रि, जय हिन्द

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