पंजाब के जिला जालंधर की पुलिस RTI act.2005 की उड़ा रही खुले आम धज्जियां, पढ़िए कैसे लोगो को सूचना के अधिकार से वंचित रखा जा रहा है

जालंधर(14/जून/2022): बात यु है की तारिख 9/05/2022 को 2 RTI एक ही प्रार्थी की तरफ से जालंधर के पुलिस कमिश्नर दफ्तर के RTI विभाग को बाई हैंड दी गई जिसका विभाग ने नंबर लगाया था 714-RTI, dated: 9/05/2022 और 715-RTI, dated: 9/05/2022, इन दोनों प्राथना में प्रार्थी ने उनके खिलाफ जालंधर शहर को दो लोगो द्वारा दी गई झूठी शिकायतें जो जांच में झूठी पाई गई थी और जालंधर पुलिस द्वारा बंद कर दी गई , की अटेस्टेड कापियाँ मांगी गई थी, प्रार्थना पत्र में ये बात लिखी गई थी ये सभी शिकायतें साल 2019 से 2020 के बीच की हैं

इनदोनो RTI का जवाब 9/06/2022 तक मिल जाना चाहिए था जो 13/06/2022 को मिला जिसमे जालंधर पुलिस ने सूचना मांगने वाले से ही ये लिखित में पूछ लिया है की शिकायत का नंबर बताइए, यहां उसी नंबर की बात हो रही जो पुलिस विभाग द्वारा शिकायत पर लगाया जाता है पर अफ़सोस सूचना देने से बचने के लिए पुलिस विभाग उलटे सूचना मांगने वाले से ही शिकायत पर पुलिस द्वारा लगाया गया नंबर माँगा जा रहा है

इससे साफ़ है की जालंधर पुलिस अब खुदसे जुड़े मामलों से जुड़े दस्तावेज़ तक लोगो को नहीं दे रही, ऐसा सिर्फ उन लोगो की कार गुजारी को छुपाने के लिए किया जा रहा लगता है जो गैरकानूनी काम कर रहे है, उन अधिकारियो को बचाने के लिए किया जा रहा लगता है जो अपराधियों, ब्लैकमेलरों, झूठी शिकायतें देने के आदि लोगो की मदद कर रहे हैं जो निर्दोष लोगों को तंग परेशान कर पैसे ऐंठने का काम करते हैं

ऐसे हालात में अगर लोगों को अपने केस से जुड़े दस्तावेज़ ही नहीं मिलेंगे तो लोग न्याय पाने लिए कोई अपील या अदालत का दरवाज़ा किस सबूत के आधार पर खट्ट खटखटाएंगे, यह बहुत बड़ा सवाल पुलिस ने लोगो के सामने खड़ा कर दिया है

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