जालंधर(31/05/2024): दोस्तों आप सबको इतना तो पता चल ही गया होगा की जालंधर के नजदीक पड़ते जंग ए आज़ादी मेमोरियल के निर्माण को लेकर लगभग एक साल पहले उंगली उठी, फिर जांच का सिलसिला शुरू हुआ और अब साल 2024 में, 22/05/2024 को पंजाब विजिलेंस ने एक मामला दर्ज किया जिसमे कुल 26 लोगों को नामजद किया गया है, जिसमे पंजाबी अख़बार अजित समूह के एडिटर बरजिंदर सिंह हमदर्द के साथ निर्माण काम में शामिल कुछ प्राइवेट ठेकेदार, एक कंपनी के अधिकारी और कुछ सरकारी अफसरों के नाम शामिल है, आप सबको इन लोगो के नाम और काम के बारे मीडिया रिपोर्ट्स से पता चल ही गया होगा, हम लोग इस रिपोर्ट में न तो इन 26 लोगो के बारे कोई चर्चा करने वाले है और न ही भगवंत मान सरकार के इस कदम कोई तारीफ या कोई आलोचना करने वाले है
इस रिपोर्ट्स में हम कुछ ऐसे फैक्ट्स के बारे आपको बताना चाहते है जो अब तक किसी मीडिया रिपोर्ट में नहीं था, पहले बात करते है अजित समूह द्वारा उठाये गए सवालों की बरजिंदर सिंह हमदर्द का कहना है की उन्होंने इस मामले में जो भी भूमि निभाई है उस सबसे साल 2020 में त्याग पत्र दे दिया था पर उस समय त्याग पत्र उस समय की पंजाब सरकार जो कांग्रेस की सरकार थी ने बरजिंदर सिंह हमदर्द का त्याग पत्र मंजूर नहीं किया था जिसके बाद बतौर बरजिंदर सिंह हमदर्द वो अपने ड्यूटी लगातार निभाते रहे और साल 2023 में जब उन्होंने फिर से त्याग पत्र दिया तो उसे मौजूदा भगवंत मान सरकार के समय में मंजूर कर लिया गया
दूसरी बात हमदर्द का कहना है की उनके समाचार पत्र को मिलने वाला सरकारी विज्ञापन पंजाब सरकार ने बंद कर दिया, हमदर्द यह भी कहते है की 28/11/2022 से लेकर 17/03/2023 के बीच पंजाब सरकार का कुल विज्ञापन बजट था Rs.300 करोड़ रहा जिसमे से कोई विज्ञापन उनके समाचार पत्र को पंजाब सरकार की तरफ से नहीं दिया गया
इसके इलावा एक गंभीर आरोप श्री हमदर्द ने यह लगाया है की मौजूदा पंजाब सरकार चाहती है अजित समाचार अपने अख़बार में माजूदा सरकार के विज्ञापनों को खबर की शकल देकर छापे और सरकार का महिमा मंडन किया जाये जिसके लिए अजित समाचार समूह और खुद बरजिंदर सिंह हमदर्द तैयार नहीं हुए इसी लिए मौजूदा पंजाब सरकार उनके खिलाफ मामले बना कर उन्हें परेशान करने की कोशिस कर रही है
अब चलते है विजिलेंस की तरफ, विजिलेंस ने जो FIR दर्ज की है उसमे लिखा गया है की जंग ए आज़ादी मेमोरियल को बनाने के दौरान मन माने ढंग से सरकारी पैसे को ठेकेदारों को फ़ायदा पहुंचने की नियत से खर्च किया गया है साथ ही लिखा गया है की Non schedule खरीद करके सरकारी पैसे का गलत इस्तेमाल किया गया है इस प्रोजेक्ट को बनाने के लिए जो कमेटी बनाई थी बरजिंदर सिंह हमदर्द उस कमेटी के प्रधान थे और प्रोजेक्ट के सीईओ बिनय बुब्लानी के इलावा जो खर्च किया गया है उस के लिए चेक पर सिग्नेचर बरजिंदर सिंह हमदर्द के ही होते थे, विजिलेंस ने FIR में लिखा है की इस पूरी जांच में सामने आया है की 27,23,62,615 रुपये सरकारी खजाने को नुक्सान हुआ है
एक बात जो सबसे ज्यादा शक पैदा करती है जिसे अदालत ट्रायल के दौरान जरूर पूछेगी ऐसा हमें लगता है, इस FIR में लिखा गया है एक रिपोर्ट लोक संपर्क विभाग से भी आई है जिसमे कहा गया है की जंग ए आज़ादी मेमोरियल की सरकारी वेबसाइट से अजित अख़बार के यूट्यूब लिंक को एम्बेड करके पोस्ट किया गया है जिससे बरजिंदर सिंह हमदर्द ने अपने प्राइवेट अख़बार को फ़ायदा पहुंचाया है, यहाँ यह सवाल उठता है की विजिलेंस या फिर लोक संपर्क विभाग अदालत में यह कैसे साबित करेगा की सरकारी वेबसाइट का फ़ायदा उठा कर अजित अख़बार के यूट्यूब चैनल को कितने का और कैसे फ़ायदा पहुंचाया गया है, लोक संपर्क विभाग के बीच में कूदने से यह भी लगता है की कही न कही सरकार की मंशा में कुछ तो गलत है वरना लोक विभाग की रिपोर्ट को बीच में क्यों घुसाया गया है, लोक विभाग का रोले फ़साने की नियत से उठाया गया कदम लगता है, पर अभी कुछ कहना ठीक नहीं होगा, बरजिंदर सिंह हमदर्द की बात को इस बात से बल जरूर मिलता है की सरकार अजित समूह को निशाने पे ले रही है वरना FIR में लोक संपर्क विभाग क्यों आया, क्या सही है और क्या गलत ट्रायल कोर्ट में सब दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा, खबर है की मामले को बरजिंदर सिंह हमदर्द पंजाब हरयाणा हाई लेकर गए जिस की सुनवाई करते हुए अदालत ने बरजिंदर सिंह हमदर्द की गिरफ़्तारी पे रोक लगा दी है मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई 2024 होगी, पर अदालत ने अपने आर्डर में क्या लिखा है इसकी हमें जानकारी नहीं है इस लिए इसपे कोई टिप्णी करना ठीक नहीं होगा
इस मामले में दो बातें देखने को आई है पहली यह की इस बार भी पत्रकार के पक्ष में सबसे पहले अकाली दल बादल सामने आया है जालंधर से अकाली उम्मीदवार मोहिंदर सिंह के पी इस FIR की आलोचना करने वालों मेसे सबसे पहले थे, पर दूसरी बात भी पत्रकारिता के लिए अच्छी है की इस FIR की आलोचना करने वालों मेसे कांग्रेस के जालंधर सीट से उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी भी खुलकर आगे आए है