जालंधर(13/06/2024): दोस्तों ये खबर उन युवा लोगों के लिए बेहद ख़ास है जो यूरोप या अमेरिका जाके पढ़ने या काम करने का सपना देखते है और कई बार इस सपने को पूरा करने के लिए ये लोग कुछ गलत तरीके से काम कर रहे ट्रेवल एजेंटों की चाल बाज़ी का शिकार होके जुर्म के दल दल में फंस जाते है
22/05/2024 को दिल्ली स्थित अमेरिकन एम्बेसी की शिकायत पर नई दिल्ली में आते चाणक्य पूरी थाने में कुल 2 FIR दर्ज की गई, जिसमे एक का नंबर है 73 और दूसरी का 74, FIR-73 पंजाब की एक ट्रेवल फर्म जिसका नाम है IBT overseas, इसके मालिकों दो सगे भाई जिनका नाम है हरप्रीत सिंह और प्रदीप सिंह के साथ साथ इनके द्वारा भेजे गए कुछ विद्यार्थियों और इस ट्रेवल फर्म के कुछ कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज की गई है, वही दूसरी फिर-74, गुजरात की एक ट्रेवल फर्म जिसका नाम है shreeji overseas के मालिक विजय पुरोहित और इनके एक क्लाइंट जिनका नाम है सतीश कुमार विठलदास पटेल के खिलाफ दर्ज की गई है
पहले बात FIR-73 के बारे: इस मामले में अमेरिकन एम्बेसी ने पुलिस को अपनी लिखित शिकायत के साथ कुल 6 लोगो को सौंप दिया है जिसमे 5 पुरुष और एक महिला आरोपी है, इन लोगो के नाम है स्पर्श पुत्र श्री रमेश कुमार यह हरियाणा के कर्नल के रहने वाले हैं, अकरम खान पुत्र शफी मोहम्मद ये SAS नगर पंजाब के रहने वाले हैं, करणदीप सिंह पुत्र सतपाल इन का छेत्र है समाना पटियाला पंजाब, मोहित पुत्र राम बाबू ये शाहकोट जालंधर पंजाब के रहने वाले हैं, सिमरनजीत सिंह पुत्र दिलबाग सिंह इनका पता है तरन तारन पंजाब, हरमनदीप कौर पुत्री सम्पूर्ण सिंह दसुया होशियारपुर पंजाब, बतौर शिकायतकर्ता एम्बेसी इन सभी विद्यार्थियों ने एम्बेसी की पूछ ताछ में यह बात मानी है की जो फर्जी दस्तावेज इन लोगो ने वीसा पाने के लिए पेश किये थे वो सब IBT overseas के लोगो ने एक मोटी रकन लेके इन लोगो को दिए थे ऐसा FIR में साफ़ तौर पर लिखा है, इस मामले में पुलिस ने इन 6 लोगो के साथ साथ IBT overseas के दो भाई मालिकों प्रदीप सिंह और हरप्रीत सिंह के साथ IBT overseas की कर्मचारी नेहा और हरविंदर कौर को भी आरोपी बनाया है, इस मामले में IPC की धाराओं 420,468, 471, और 120B के तहत कार्रवाई शुरू की गई है
अब बात करे FIR: 74 के बारे: ये FIR भी अमेरिकन एम्बेसी की शिकायत पे दर्ज की गई है इसमें जिस आदमी को एम्बेसी ने पुलिस के हवाले किया है उसका नाम है सतीश कुमार विठलदास पटेल जो गुजरात के अहमदाबाद का रहने वाला है, इस मामले में पटेल ने एम्बेसी की पूछ ताछ में बताया की उसने जो फर्जी कागजात एम्बेसी के सामने धोखे से वीसा पाने के लिए दिए वो सब ट्रेवल एजेंसी श्रीजी ओवरसीज ने उसे एक मोटी रकम लेकर मुहैया करवाया है, इस मामले में shreeji overseas के मालिक विजय पुरोहित और आरोपी पटेल दोनों के खिलाफ IPC धाराओं 420, 468, 471, और 120B के तहत यह मामला दर्ज किया गया है
किन बातों का ध्यान रखना होगा जांच कर रही पुलिस को: इन मामले में आरोपी ट्रेवल एजेंटो को सजा दिलवाने के लिए पुलिस की राहें कुछ आसान नहीं होंगी, ऐसे मामलों में जब केस चलता है तो शिकायत कर्ता एम्बेसी के कुछ कर्मचारियों की गवाही चाहिए होगी जिसके लिए अंतरास्ट्रीय कानूनों को फॉलो करना होगा इस कर्म में भारत की मिनिस्ट्री ऑफ़ एक्सटर्नल अफेयर्स को अमेरिकी सरकार से भी कुछ परमिशन लेनी होगी, पुलिस को article 44 of the Vienna convention on consular relations 1963 को भी फॉलो करना होगा, एक बात पुलिस को काफी मदद करेगी की इस मामले में शिकायतकर्ता अमेरिकन एम्बेसी है और एम्बेसी ने अपनी शिकायत में साफ़ तौर पे लिखवाया हैकी कानूनों को फॉलो करने के बाद जब पुलिस को एम्बेसी के किसी कर्मचारी की गवाही चाहिए होगी तो उक्त कर्मचारी कही भी ट्रांसफर किया जा चूका क्यों न हो एम्बेसी उसकी गवाही अदालत में करवाएगी यह एक बात है जिससे लगता है एम्बेसी मामले को लॉजिकल एन्ड तक ले जाने में पुलिस का पूरा सहयोग करेगी और इन ट्रेवल एजेंटो को इनके कर्मों की सजा जरूर मिलेगी
क्या ध्यान रखना चाहिए पंजाब पुलिस को: इस मामले में जो गंभीर आरोप IBT overseas के मालिकों पे लगे है वो कोई नई बात नहीं है ऐसे आरोप पंजाब में अलग अलग ट्रेवल एजेंटों पे पहले भी लगते रहे हैं, लिहाजा पंजाब पुलिस को चाहिए की वो खासकर American study visa के लिए जो अन्य ट्रेवल एजेंट भी काम कर रहे उनके द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे दस्तावेजों की भी एक साधारण सी ही सही जांच करवानी शुरू करदे इससे विदेश जाने वाले छात्र और छात्राओं के साथ साथ, काम कर रहे ट्रेवल एजेंटो को भी सही तरीके से काम करने के लिए मोटिवेशन मिलेगा और फ्रॉड के मामले कम होंगे
America, England, New
Zealand , Australia और
Canada की
एम्बेस्सियों को क्या
ध्यान रखना होगा:
हमने जब IBT overseas की
ऑनलाइन कुछ जांच
की तो पता
चला की यह
ट्रेवल फर्म अमेरिका
के इलावा ऑस्ट्रेलिया,
new zealand, canada, europe और
england में पढ़ने
के लिए विद्यार्थियों
को कंसल्टेंसी और
वीसा दिलवाने का
काम करती है
ऐसे में इन
सभी देशों की
एम्बेस्सियों को भी
चाहिए की वो
भी इस फर्म
द्वारा भेजे गए
और वर्तमान में
भेजे जा रहे
विद्यार्थियों के सभी
कागजात बड़ी बारीकी
से जांच ले
ताकि भारत से
पढ़ने जाने वाले
विद्यार्थियों के
भविष्य पर कोई
बुरा असर न
पड़े और इन
देशों की सरकारों
के साथ विश्वास
घात न हो
सके
नोट: खबर के नीचे दी गई तस्वीर इंटरनेट से ली गई है और इसका कोई कमर्शियल इस्तेमाल नहीं किया गया है