जालंधर(11/10/2024): दोस्तों हमारे शहर जालंधर में आजकल कुछ न कुछ ऐसा घटित होता रहता है जिससे कुछ समय के लिए ही सही पर सबके होश उड़ जाते है, पहले ऐसी गलती की जाती है की जिसकी माफ़ी मिलना मुश्किल हो जाए फिर माफ़ी मांगी जाती है और फिर मामले में लीपा पोती शुरू हो जाती है, हाल ही में जालंधर शहर के एक निजी स्कूल जिसका नाम सी जे एस पब्लिक स्कूल नजदीक वेरका मिल्क प्लांट जालंधर है की प्रिंसिपल मैडम रवि सुत्ता ने एक फरमान जारी किया जिसमे सभी बच्चों को कुछ ख़ास वस्तुएं पहन के आने पे रोक लगा दी इसी के तहत स्कूल में एक ख़ास वर्ग से जुड़े बच्चों के एक ख़ास धार्मिक चिन्ह उतरवा के स्कूल में ही स्थित नोटिस बोर्ड पे टांगने जैसा घिनोना काम कर डाला गया
मामले ने शहर में चर्चा का विषय बनने में देर नहीं लगाईं और कुछ धार्मिक संगठन जब स्कूल पहुंचे तो स्कूल के एक कर्मचारी ने लोगो के साथ ठीक वर्ताव नहीं किया इसके बाद मामला और भड़क गया लोगों द्वारा पुलिस को मौके पे बुलाया गया तो स्कूल मालिक श्री ललित मित्तल भी मजबूरी में ही सही स्कूल पहुंच गए, श्री मित्तल की मौजूदगी में स्कूल प्रिंसिपल ने सबके सामने लोगो से माफ़ी मांगी फिर बच्चों को बुला के उनके उतरवाए गए धार्मिक चिन्ह बाइज्जत उन्हें पहनाए पर इसके बाद स्कूल प्रिंसिपल और लोगो के साथ दुर्व्योहार करने वाले स्कूल कर्मचारी दोनों से त्याग पत्र ले लिया गया
अब इस मामले में जालंधर प्रशाशन और स्कूल के मालिक श्री ललित मित्तल से 3 सवाल किये जाने बेहद जरुरी है, पहला ये की आरोपित दोनों स्कूल कर्चारियों के खिलाफ आपराधिक मामला क्यों दर्ज नहीं करवाया गया, दूसरा सवाल की अगर स्कूल प्रिंसिपल ने कोई गॉइड लाइन जारी की थी धार्मिक चिन्हों का सम्मान ध्यान में क्यों नहीं रखा गया, तीसरी और सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात की धार्मिक चिन्हो को नोटिस बोर्ड जैसी सर्वजनिक जगह पे किस नियत से रखा गया इस बात की गहराई से जांच होनी चाहिए की कहीं स्कूल प्रिंसिपल ने जान समझ और सोच विचार के तो ऐसा नहीं किया या फिर सही में ये पूरा मामला एक निग्लीजेंस का मामला ही है
नोट: हम मामले से जुड़े वर्ग का नाम हम इस लिए नहीं लिख रहे ताकि की यह मामला किसी तरह के सामाजिक दूरियों का कारन बिलकुल भी न बन सके