जालंधर, 13/12/2024(मशहूर पत्रकार नितिन कौड़ा कि कलम से): दोस्तों आप सभी को अल्ग अल्ग मीडिया रिपोर्ट्स से इतना तो जरूर पता लगा होगा की पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री sukhbir singh badal पर अमृतसर में श्री हरिमंदिर साहिब के बाहर सेवा करते हुए जो उन्हें सजा के तौर पे मिली है एक बुजुर्ग व्यक्ति ने गोली मारने की कोशिश की पर समय रहते sukhbir singh badal security में तैनात एक ए एस आई और वहाँ मौजूद कुछ लोगो और मीडिया कर्मियों की मदद से sukhbir singh badal की जान बचा ली गई और मौके पे ही हमलावार जिसका नाम narayan singh chaura है को धर दबोचा गया और बाद में उसे punjab police की हवाले कर दिया गया, इसके बाद sukhbir singh badal ने अपनी सेवा जारी रखी है और वो नियम के अनुसार अपनी सेवा निभा रहे है
अब आगे हमारी आप सब पाठकों से बेनती है की आप लोग आगे की स्टोरी बड़ी ध्यान से पढ़े आगे हम लोग आपको बताने वाले है कि इस घटना के बाद कौन कौन से सवाल खड़े हुए हैं और सबसे ज्यादा सूचना जिस प्रेस कांफ्रेंस से मिलती है उसे मीडिया में अभी तक ज्यादा हाईलाइट नहीं किया जा सका है यह प्रेस कांफ्रेंस सुखबीर बादल की पत्नी के भाई बिक्रमजीत सिंह मजीठिया ने की है आगे स्टोरी में हम लोग जो भी बताने वाले है वो सब कुछ बिक्रमजीत सिंह मजीठिया ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया को पंजाबी में बताया है
श्री मजीठिया ने बताया है की हमलावर नारायण सिंह चौरा ने सुखबीर सिंह बादल पे 9 एम् एम् की सेमि आटोमेटिक पिस्तौल से गोली चलाई थी जो आम तौर पे उपलब्ध नहीं होती है यह पिस्तौल या तो पुलिस के पास होती है या फिर इसे सरहद पार पाकिस्तान से मंगवाया गया संभव हो सकता है
आगे बढ़ते हुए श्री मजीठिया ने प्रेस को बताया की नारायण सिंह चौरा से ए के 47, MP5 मशीन गन, खतरनाक बम रिकवरी करने की बात एही पंजाब पुलिस पहले ही मानती रही है, इसके इलावा एक बार नारायण सिंह चौरा से ए के-56, 5 हैंड ग्रनेड, एक बार एक मारुती कार पुलिस ने पकड़ी थी जिसे नारायण सिंह चौरा से जुड़ा बताया गया था इस कार से पुलिस ने 2KG RDX बरामद करने की बात कही थी, इससे आगे बढ़ते हुए श्री मजीठिया ने कहा की नारायण सिंह चौरा के खिलाफ IPC की धारा 302 के तहत 6 मामले, वही IPC की धारा 307 के तहत 5 मामले, रॉबरी की धारा के तहत 2 मामले, 2 मामले क्रिमिनल ब्रीच ऑफ़ ट्रस्ट और ट्रेस पास जैसे मामलों के तहत भी काफी पहले से दर्ज हैं, आगे कहा की 1 मामला आर्म्स एक्ट, इसके इलावा 2 मामले एक्सप्लोसिव एक्ट और स्टेट के खिलाफ गतिविधियों के तहत दर्ज हैं, श्री मजीठिया के मुताबिक नारायण सिंह चौरा के खिलाफ कुल 30 मामले दर्ज है
इससे आगे बढ़ते हुए श्री मजीठिया ने बताया की नारायण सिंह चौरा कांग्रेसी नेता सुक्खी रंधावा का काफी करीबी है, नारायण सिंह चौरा का एक भाई है जिसका नाम है नरिंदर सिंह चौरा जो भी सुक्खी रंधावा का बेहद करीबी है सुक्खी रंधावा की मदद से इलाके में पड़ती एक मार्किट का प्रधान भी नरिंदर सिंह चौरा को बनाया गया है, श्री मजीठिया के मुताबिक आरोपी को कांग्रेस पार्टी से भी मदद मिलती रही है इसी सिलसिले में पंजाब के मौजूदा मुख्यमंत्री भगवंत मान पे मजीठिया ने आरोप लगाया की मुख्यमंत्री, इंडि अलायन्स में मुख्य सहयोगी पार्टी कांग्रेस के बड़े नेता सुक्खी रंधावा को बचाने के साथ साथ नारायण सिंह चौरा के खिलाफ भी नर्म रुख अपना रहे हैं
श्री मजीठिया का कहना है कि नारायण सिंह चौरा के तार साल 2004 में हुए बुड़ैल जेल ब्रेक काण्ड से भी जुड़े हैं, मजीठिया ने साफ़ तौर पे कहा है कि नारायण सिंह चौरा कि हिट लिस्ट में लम्बे समय से सरदार प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बदल का नाम है यह बात पंजाब पुलिस भी बहुत अच्छे से जानती है, श्री मजीठिया ने पंजाब पुलिस पे बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं श्री मजीठिया ने कहा कि सरदार सुखबीर सिंह बदल कि सुरक्षा को देखते हुए जिस एस पी को पुलिस ने ड्यूटी पर लगाया था उसका गांव नारायण सिंह चौरा के गांव से सिर्फ 20 या 25 KM दूर है, ऐसे में इस एस पी को भी नारायण सिंह चौरा के बारे जानकारी न हो ऐसा कैसे हो सकता है, यह एस पी भी सुक्खी रंधावा का करीबी है यह बात भी श्री मजीठिया ने कही, श्री मजीठिया ने सवाल उठाया है कि नारायण सिंह चौरा गुरुद्वारा साहिब के आस पास 2/12/2024 से घूमता देखा गया है, उक्त एस पी को इस बात का भी पता था कि नारायण सिंह चौरा 2 और 3 दिसंबर से सरदार सुखबीर सिंह बदल के आस पास घूम रहा था, श्री मजीठिया ने सवाल उठाया कि नारायण सिंह चौरा का पूरा रिकॉर्ड साल 1990 से लेकर साल 2024 तक का पंजाब पुलिस के पास मौजूद है ऐसे में इतने मशहूर रिकॉर्ड वाले आदमी को पुलिस ने गिरफ्तार क्यों नहीं किया कुछ CCTV वीडियोस सामने आए जिन्हे देख कर ऐसा लगता है पुलिस के लोग नारायण सिंह चौरा को गाइड करते फिर रहे थे, श्री मजीठिया ने सुखबीर बदल कि सुरक्षा में तैनात CISF पर भी सवाल खड़े किये है कि उन लोगो ने समय रहते कोई कदम क्यों नहीं उठाया, श्री मजीठिया ने साफ़ तौर पे कहा कि मौके पे मौजूद पत्रकारों पे पुलिस विभाग के पक्ष में रिपोर्टिंग करने का दबाव बनाया जा रहा है और जिस सुरक्षा कर्मी ने हमले को विफल किया उस पे भी पुलिस विभाग के पक्ष में बयान देने के लिया लगातार दबाव बनाया गया है, इस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मजीठिया ने एक बेहद खतरनाक शंका कि तरफ इशारा किया है मजीठिया ने कहा कि हो सकता है आने वाले समय में ऐसा ही कोई हमला सरदार सुखबीर सिंह बादल, डॉक्टर चीमा, ढींडसा, भुंदड़ या फिर अन्य अकाली दल बादल से जुड़े किसी और नेता पे कभी भी हो सकता है,ऐसे में पंजाब सरकार को हर समय सतर्क रहने कि जरुरत है
ऊपर बताई सभी बातें सरदार विक्रम सिंह मजीठिया ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में पंजाबी में बताई है हमारी इस रिपोर्टिंग से उम्मीद है कि हिंदी पढ़ने वाले पाठकों और अन्य मीडिया कर्मियों जिन्हे पंजाबी समझ नहीं आती को मामले से जुड़े अपने सभी सवालों के जवाब मिल जायेंगे
अब बात कर ली जाये इस घटना के बाद खड़े हुए कुछ जरुरी सवालों के बारे, घटना के तुरंत बाद अमृतसर के मौजूदा पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर का एक वीडियो सामने आया था जिसमे उन्होंने कहा कि इस तरफ से भी जांच कि जाएगी कि कहीं यह हमला सुखबीर बादल ने जनता कि सिम्पथी लेने के लिए खुद ही तो नहीं करवाया है, ऐसे में सवाल उठता है कि गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने वीडियो में इस शब्द का इस्तेमाल क्यों नहीं किया कि उनके पास ऐसा कोई सबूत है जिसके चलते जांच इस एंगल से भी होगी, ऐसे में बताने कि कोई जरुरत भी नहीं थी कि उनके पास कौनसे सबूत है जो इस तरफ इशारा करते है, बाकी के ठोस और पूरे सबूत तो जाँच के बाद ही सामने आएंगे ऐसे में क्या गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने सुखबीर बादल पे इतना गंभीर इल्जाम सिर्फ क्या शक के आधार पे ही लगा दिया है या फिर इस बयान के पीछे किसी को राजनीतिक फ़ायदा देने कि कोई साजिश है ऐसे में किसे राजनीतिक फ़ायदा मिलेगा जनता अच्छे से जानती है, गुरप्रीत सिंह भुल्लर का यह ब्यान राजनीती से प्रेरित लगता है
दूसरा सबसे जरुरी सवाल यह है कि यह बात ठीक है कि धार्मिक स्थल के बहार किसी को बिना मतलब के रोका नहीं जा सकता पर जब पुलिस को यह बात पता थी कि नारायण सिंह चौरा इतना खतरनाक पुलिस रिकॉर्ड होल्डर है तो उससे कमसे कम समय रहते पूछ ताछ ही कर ली जाती या फिर अगर यह भी संभव नहीं था तो sukhbir singh badal के आस पास ऐसा सुरक्षा घेरा तो पुलिस बना ही सकती थी जिससे नारायण सिंह चौरा कभी भी कैसे भी हाल में sukhbir singh badal के नजदीक पहुंच ही नहीं सकता था, punjab police का यहाँ रोले भी पंजाब पुलिस को शक के कटघरे में खड़ा करता है
अब जहाँ अकाली दल बादल घटना कि न्यायक जांच कि मांग कर रहा है तो वहीँ कुछ ऐसे दल भी सामने आने लगे है जो नारायण सिंह चौरा को हीरो जैसे पेश करने कि कोशिश करने लगे है अंदाज़ा लगाइए कि क्या किसी को शरे आम गोली मारने कि कोशिश करने वाले के बचाव में ऐसे सामने आना ठीक है ??? यह गंभीर सवाल भी खड़ा हुआ है इस सवाल को हम जनता के पाले में छोड़ देना चाहते है इसपे जनता अपनी सोच बनाए
इतनी बड़ी सिक्योरिटी फेलियर होने के बाद पंजाब पुलिस कि पीठ थप थपाने का जो कदम bhagwant maan और राघव चड्ढा उठा रहे है क्या वो सही है इस बात का फैसला भी जनता को करना चाहिए
अंत में एक बात कि मामले कि जाँच मानयोग हाई कोर्ट या फिर मानयोग सुप्रीम कोर्ट कि देख रेख में करवाने कि जो मांग श्री मजीठिया ने उठाई है क्या पंजाब सरकार और केंद्र सरकार इस तरफ कोई कदम उठाएगी इस सवाल का जवाब आने वाले समय में मिलने कि उम्मीद पंजाब की जनता को रखनी चाहिए