right to education in india: punjab and haryana high court latest judgement के मुताबिक प्राइवेट स्कूल अब admission session 2025-2026 में 25% सीटें कमजोर वर्गों और वंचित समूहों से आने वाले बच्चों को देंगे

जालंधर(11/03/2025): पंजाब सरकार ने 18/11/2010 को एक नोटिफिकेशन जारी किया जिसमे कहा गया की पंजाब में चल रहे सभी प्राइवेट स्कूलों को अब 25% सीट्स सोसाइटी के  वंचित समूहों और कमजोर वर्गों के तहत आने वाले परिवारों के बच्चों के लिए रिजर्व्ड रखना होगा मतलब अब इस नियम के तहत इस वर्ग के बच्चों को प्राइवेट स्कूल्ज में भी बिलकुल मुफ्त शिक्षा दी जाएगी, मतलब प्राइवेट स्कूलों में अब जो भी बच्चे पढ़ेंगे उनमे 25% इस वर्ग से आने वाले बच्चे होंगे

इस नोटिफिकेशन में बताया गया है की कमजोर परिवार से आने वालों का हिस्सा रहेगा 12.5%, शेडूल कास्ट ग्रुप से आने वाले बच्चो का हिस्सा रहेगा 5%, बी सी और बी सी वर्ग से आने वालों बच्चों को भी 5% का हिस्सा मिलेगा, इसमें एक बात ध्यान रखनी होगी की बी सी  और बी सी वर्ग की क्रीमी लेयर को इस लाभ से बाहर रखा गया है और शेडूल कास्ट के लिए कोई इनकम लिमिट नहीं लगाईं गई है मतलब शेडूल कास्ट से आने वाले किसी भी बच्चे को इस नियम का फ़ायदा मिल जायेगा, इसके बाद वॉर विडो चिल्ड्रन को 1.25% का हिस्सा मिला है और डेस्टीटूट पेरेंट्स चिल्ड्रन( कमसे कम 50% डिसेबिलिटी होनी चाहिए) को भी 1.25% का हिस्सा मिला है

इन 25% बच्चों की पढ़ाई के लिए बनती फीस पंजाब सरकार RTE act 2009 के नियमों का पालन करते हुए स्कूलों को प्रदान करेगी

इसी नोटिफिकेशन को आधार बना के बीजेपी नेता जगमोहन सिंह राजू ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में एक जन हित याचिका डाल दी जिसकी सुनवाई करते हुए 19/02/2025 को अदालत ने एक आर्डर जारी किया जिसपे आगे डिटेल में बात करते हैं

इस जन हित याचिका में बीजेपी नेता जगमोहन सिंह राजू ने Rule 7(4) of the Punjab right of children to free and compulsory education rules 2011 को चैलेंज किया, अब ये रूल है क्या ये जानिए Rule 7(4) of the Punjab right of children to free and compulsory education rules 2011 यह निर्धारित करता है कि आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़े वर्गों के बच्चों को पहले सरकारी स्कूलों में प्रवेश प्राप्त करना चाहिए, फिर निजी स्कूलों में आरक्षित सीटों के लिए आवेदन करना चाहिए, और यह तभी कर सकते हैं जब वे सरकारी स्कूल से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) प्राप्त करें।

जगमोहन सिंह राजू ने अदालत के सामने रखा की ये नियम देश के संविधान में मिले राइट टू एजुकेशन जो वंचित समूहों और कमजोर वर्गों से आने वाले बच्चों को वंचित करने का काम करता है इससे आगे बढ़ते हुए राजू ने अदालत के सामने रखा की section 12(1)(c) of right of children to free and compulsory education act, 2009  के तहत, निजी अव्याहत विद्यालयों को अपनी प्रवेश स्तर की सीटों (कक्षा 1 या प्री-प्राइमरी) का कम से कम 25% हिस्सा वंचित समूहों और कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए आरक्षित करना अनिवार्य है, ताकि उन्हें निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्राप्त हो सके।"

जगमोहन राजू ने अदालत से प्रार्थना की की "प्राथमिक दृष्टि से, यह प्रतीत होता है कि rule 7(4) of Punjab RTE rule, 2011, section 12(1)(c) of the RTE act, 2009 के विपरीत है। यह विधिक व्याख्या के सिद्धांतों द्वारा स्थापित है कि यदि विधिक नियमों और अधिनियम के बीच संघर्ष होता है, तो अधिनियम प्रबल होता है

सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने कहा की "उपरोक्त को देखते हुए, एक अंतरिम उपाय के रूप में यह निर्देशित किया जाता है कि सभी निजी अव्याहत मान्यता प्राप्त विद्यालय जो clause(iv) of clause (n) of section 2 of 2009 act में निर्धारित मानदंडों को पूरा करते हैं, वे कक्षा 1 में 25% सीटें आरक्षित करेंगे, जो केवल उन बच्चों द्वारा भरी जाएंगी जो विद्यालय के आस-पास के क्षेत्र में रहने वाले कमजोर वर्गों और वंचित समूहों से संबंधित हैं, ताकि निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान की जा सके। पंजाब राज्य के कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया जाता है कि वे 2025-2026 सत्र के लिए प्रवेश में इस आदेश का पालन सुनिश्चित करें

अभी यह याचिका अदालत में पेंडिंग है अगली सुनवाई के लिए 27/03/2025 की तारिख लगी है 

जगमोहन सिंह राजू ने अदालत के सामने जिस राइट टू एजुकेशन की बात की उसको लेकर भारत का संविधान कहता क्या है अब इस पर भी चर्चा की जानी चाहिए

Article 21A. शिक्षा का अधिकार- राज्य छह से चौदह वर्ष की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करेगा, जिसे राज्य कानून द्वारा निर्धारित करेगा।

article 21A पर टिप्पणियाँ

Right of children to free and compulsory education act, 2009:

Section 12(1)(c) and 18(3) of the 2009 act ने article 30(1) के तहत अल्पसंख्यक सहायता प्राप्त स्कूलों को दी गई मौलिक स्वतंत्रता का उल्लंघन किया और इस प्रकार, ये स्कूल इस अधिनियम के तहत कवर नहीं किए जाएंगे; राजस्थान के अनुदान प्राप्त निजी विद्यालयों के समाज बनाम भारत संघ (2012) 6 SCC 1. हालांकि, इस निर्णय को प्रामति शैक्षिक सांस्कृतिक ट्रस्ट बनाम भारत संघ (2014) 8 SCC 1 में पलट दिया गया।

दायरा

शिक्षा का अधिकार सुरक्षित शिक्षा का अधिकार भी शामिल है; अविनाश मेहरोत्रा बनाम भारत संघ (2009) 6 SCC 398: 2009 AIR SCW 2589.

बच्चे का मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार संविधान के Article 21A के तहत मौलिक अधिकार का हिस्सा है। सरकारी अधिकारियों की कुल उपेक्षा बच्चों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है; पर्यावरण और उपभोक्ता संरक्षण फाउंडेशन बनाम दिल्ली प्रशासन (2011) 7 SCC 57: 2012 AIR SCW 1129

बच्चे के अधिकार को बिना किसी भेदभाव के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार होना चाहिए, चाहे वह बच्चे की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के आधार पर हो; तमिलनाडु राज्य बनाम के. श्याम सुंदर (2011) 8 SCC 737(756): AIR 2011 SC 3470: 2011 AIR SCW 5014

Article 21A को मज़बूती से जोड़ते हुए Article 51A में एक उपधारा (k) जोड़ी गई, जो यह प्रदान करती है कि यह माता-पिता या संरक्षक का कर्तव्य है कि वह अपने बच्चे या वार्ड को 6 से 14 वर्ष की आयु के बीच शिक्षा प्राप्त करने के अवसर प्रदान करें; महर्षि महेश योगी वेदिक विश्वविद्यालय बनाम मध्य प्रदेश राज्य (2013) 15 SCC 677.

केवल इसलिए कि संविधान के Article 21A ने प्राथमिक शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में स्वीकार किया है, इससे किसी ज़मीन पर अतिक्रमण करने वाले को यह अधिकार नहीं मिलता कि वह यह मांग करें कि आखिरकार उस विशेष आयु के कुछ बच्चों को स्कूल में पढ़ाया जाएगा; महाराष्ट्र के सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन बनाम एकता महिला मंडल (2007) 7 SCC 701.




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